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कोरबा : भारी वाहन निषेध का बोर्ड लगा, नो एंट्री लगी हुई, लेकिन शहर के भीड़-भाड़ इलाके से त्यौहार के दिन भी भारी वाहनों की एंट्री होती रही, एक महिला वकील की जा चुकी है जान

छत्तीसगढ़/कोरबा :- कोरबा शहर के सीएसईबी चौकी से बुधवारी बाजार होते हुए मुड़ापार बाईपास की ओर जाने वाले रास्ते की तस्वीर आज त्यौहार के दिन देखकर अमिताभ बच्चन का गाना अंधा कानून याद आ गया, जी हां वैसे तो इस मार्ग में बीआईपी रोड, घंटाघर रोड, सहित मुड़ापार जाने वाली व्यस्ततम सड़कों के साथ-साथ बुधवारी बाजार है जहां हमेशा भीड़भाड़ रहती है, वही यह बुधवारी बाजार अब सप्ताह मे नहीं यह बाजार हर दिन लगता है, इस मार्ग पर भारी वाहनों पर चलने के लिए प्रतिबंध लगा हुआ है, जहां सुबह से रात तक नो एंट्री लगी रहती है बाकायदे सीएसईबी चौक के पास भारी वाहन निषेध का एक बोर्ड भी लगा हुआ है, इसके साथ साथ आज एकादशी का पर्व भी था बावजूद इसके नो एंट्री और भारी वाहन निषेध के बाद कोयला लोड सहित अन्य वाहनों कि इस सड़क मार्ग से एंट्री होती रही,

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वैसे तो इस मार्ग में दिखावे के लिए नो एंट्री लगी हुई है और दिखावे के लिए भारी वाहन निषेध का बोर्ड भी लगा हुआ है लेकिन इस मार्ग पर हमेशा दिन रात नो एंट्री को तोड़ते हुए कोयला लोड भारी वाहन गुजरते रहते हैं, लेकिन जिस प्रकार आज त्यौहार के दिन भी इन भारी वाहनों के आवागमन पर रोक नहीं लगाई गई और लोग जान जोखिम में डालकर बाजार से लेकर फुटपाथ पर लगी दुकानों से खरीदी करते देखे गए जिसके बाद आज अमिताभ बच्चन का यह अंधा कानून है का गाना याद आ जाता है,
ऐसा नहीं है कि कानून के रखवाले मौजूद नहीं है इस मार्ग पर सीएसईबी चौकी पड़ती है वही चौकी के बगल में यातायात विभाग का एक आर्टिफिशियल कच्छ बनाया गया है जहां यातायात विभाग के आरक्षक बैठते हैं और चौक पर खड़े होकर ड्यूटी निभाते हैं लेकिन खबरची बताते हैं कि यह यातायात का आर्टिफिशियल कच केवल वसूली का कच्छ बनकर रह गया है जो प्रति भारी वाहनों से प्रति ट्रिप 200 से ₹500 वसूल करते हैं जिससे यातायात विभाग को हर दिन लाखों की अवैध इनकम होती है यह नजारा सुबह से रात तक चलता रहता है, आपको बता दें कि विगत 2 वर्ष पहले बुधवारी बाजार के पास एक स्कूटी सवार महिला वकील को एक भारी भरकम ट्रेलर ने कुचल कर मार डाला था और मौके पर ही महिला वकील की दर्दनाक मौत हो गई थी, जिसके बाद वकील संघ द्वारा भारी विरोध प्रदर्शन किया गया था, जिसके बाद कुछ दिन भारी वाहनों पर प्रतिबंध लगा रहा लेकिन पुनः चढ़ावा के आगे सब नियम कानून धरातल में दबाकर फिर से नो एंट्री में एंट्री भारी वाहनों की होती रही, चढ़ावे की ताकत यह रही कि त्यौहार और त्योहारी सीजन में भी भारी वाहन प्रतिबंधित मार्ग में लगी नो एंट्री को तोड़ते हुए कोयला लोड भारी वाहनों की एंट्री हो होती रही और हो रही है जिसके कारण कभी भी पुनः दुर्घटना घटने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है…

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