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छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री ने अपने ही सरकार के प्रशासन और पुलिस का एसईसीएल से मिलीभगत का लगाया आरोप

कहा एसईसीएल के GM और उनके अधिकारी प्रशासन एवं पुलिस के आड़ में जनता के साथ कुठाराघात कर रहे

छत्तीसगढ़/कोरबा :- छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने अपने ही सरकार के प्रशासन एवं पुलिस से एसईसीएल की मिलीभगत का आरोप लगाया है, अपने ही सरकार के जिला एवं पुलिस प्रशासन पर जिस प्रकार मंत्री ने सवाल खड़े किए हैं लोग उनके इन आरोपों के तरह-तरह के मायने निकाल रहे हैं जो लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि छत्तीसगढ़ में कुछ ही माह के दौरान विधानसभा के चुनाव होने हैं जिसकी प्रशासनिक और राजनीतिक तैयारियां शुरू हो गई हैं, और नेता गांव पारा मोहल्ले का रुख करने लगे हैं ।

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दरअसल कोरबा जिले में एसईसीएल द्वारा कुसमुंडा कोल माइंस के लिए 60 वर्ष पूर्व ग्राम खम्हरिया की भूमि अधिग्रहित की गई थी जिसे लेकर आज एसईसीएल कुसमुंडा जीएम संजय कुमार मिश्रा के निर्देश पर एसईसीएल कुसमुंडा के अधिकारियों द्वारा ग्राम खम्हरिया में पहुंचकर एसईसीएल द्वारा अधिग्रहित की गई खाली पड़ी भूमि पर बुलडोजर चलाते हुए भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही शुरू कर दिया जिसके बाद ग्रामीणों ने विभिन्न मांगों को लेकर एसईसीएल द्वारा इस भूमि अधिग्रहण का विरोध करना शुरू कर दिया सूचना मिलते ही मौके पर एसईसीएल कुसमुंडा के जीएम मौके और पहुंचे जहां ग्रामीणों को वह समझाइश देने लगे लेकिन कुछ देर बाद छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री व कोरबा विधानसभा के विधायक जयसिंह अग्रवाल अपने दल बल के साथ पहुंच गए, राजनीतिक समीकरण को देखते हुए ग्रामीणों के बीच मंत्री के कड़े तेवर देख एसईसीएल कुसमुंडा जीएम मौके से निकालना उचित समझ कर वहां से चले गए,

पत्रकारों को दिए बयान में छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने अपने ही सरकार के जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को घेरते हुए आरोप लगाया और बताया कि एसईसीएल के GM और उनके अधिकारी प्रशासन और पुलिस की आड़ लेकर यहां के ग्रामीणों के साथ कुठाराघात कर रहे हैं मैं बाहर गया हुआ था इस दौरान जीएम से ग्रामीणों के साथ इस प्रकार व्यवहार न करने की बात दूरभाष द्वारा हुई थी 2 दिन पहले कोरबा नगर पालिक निगम के महापौर राज किशोर प्रसाद और सभापति और पार्षदों व कांग्रेस के पदाधिकारियों को ग्रामीणों की मदद के लिए भेजा गया था जहां यह तय हुआ था कि जब तक ग्रामीणों की समस्या का पूर्ण निराकरण नहीं होगा और कलेक्टर के पत्र का कंप्लेंस नहीं होगा तब तक यहां कोई मशीन नहीं चलेगी लेकिन एसईसीएल ने वादाखिलाफी करते हुए गुंडागर्दी का परिचय देते हुए मशीनों को भेजा और ग्रामीणों को धमकाया जिससे ग्रामीण भयभीत हैं एसईसीएल अपने वादे पर खरा नहीं उतर पा रहा है आज भी जहां भी भूमि अधिग्रहित की गई है वहां के वाशिंदे विभिन्न मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं नौकरी की आस में भू विस्थापितों की उम्र निकल गई लेकिन उनको नौकरी नहीं मिल पाई है जब हमने इन छह बिंदुओं पर जीएम से जवाब जानना चाहा तो वह बिना कुछ बोले ही चुपचाप चले गए पूर्व में दिए गए कलेक्टर के पत्र में कही गई एक भी बातों को एसईसीएल द्वारा अमल नहीं किया गया । 

उन्होंने आगे बताया कि ग्राम खम्हरिया के भू-विस्थापितों एवं भू-स्वामियों जनप्रतिनिधि एवं एसईसीएल प्रबंधन की उपस्थिति में दिनांक 24.04.2023 हुई बैठक में निम्नलिखित बिन्दुओं पर चर्चा के संबंध में इस कार्यालय को अवगत कराया गया है जिसमें…

01. ग्राम खम्हरिया के मूल भू-स्वामियों के परिसमपत्तियों का मूल्यांकन कर मुआवजा दिया जाए।

02. पात्र भू-स्वामियों को विस्थापन लाभ (R&R) दिया जाए।

03. खम्हरिया ग्राम की पुरानी बस्ती को मूलभूत सुविधाओं से सुसज्जित किया जाए जैसे मंगलभवन खेलमैदान, देवस्थल तलाब एवं निस्तारी के लिए अगल से जमीन छोड़ा जाए।

04. बचे हुए मूलग्रामवासियों जिनके आश्रित 18 वर्ष से ऊपर हो चुके है उनके लिए वैकल्पिक रोजगार की व्यवस्था की जाए।

05. जिस स्थान पर पुरानी बस्ती है उसे नए स्थान पर ग्राम वासियों को पुर्नविस्थापित किया जाए एवं पुरानी जगह को जो देवस्थल पे बसा हुए है उसे विकसित किया जाए।

06. बचे हुए स्थायी रोजगार प्रकरणों पर शीघ्र निराकरण कर नौकरी देने के पश्चात् आगे की
कार्यवाही की जाए।

वही एसईसीएल का कहना है कि नियमों के अनुरूप जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए सभी कार्य किए जा रहे हैं पात्र भू विस्थापितों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं, हालांकि एसईसीएल के अधिकारी कैमरे के सामने कुछ नहीं बोला और वह बोलने से बचते नजर आए ।

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