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उद्योग मंत्री के पत्रों को अधिकारी व उद्योग गंभीरता से नहीं ले रहे संज्ञान, मंत्री के पत्रों पर से फरियादियों का भरोसा उठ रहा

छत्तीसगढ़/कोरबा :- छत्तीसगढ़ के उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन के द्वारा संबंधित अधिकारियों व उद्योगों को भेजे गए पात्रों को अधिकारी वह उद्योगों के द्वारा गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है उनके भेजे गए पत्रों का जवाब तलब करना भी मुनासिब नहीं समझा जा रहा है, जिसके कारण फरियादियों द्वारा मंत्री जी से लिखवाये गये संबंधितो के पत्रों पर से भरोसा उठ रहा है, लगभग आठ माह पहले पीडब्ल्यूडी में पदस्थ रहे स्वर्गीय मंगलूराम डिक्सेना गैंगमैन के आश्रित पुत्र मनोज डिक्सेना को अनुकंपा नियुक्त संबंधित पत्र अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग मंडल बिलासपुर को मंत्री जी के पत्र क्रमांक 203 के द्वारा जवाब तलब किया गया था लेकिन लगभग आठ माह गुजरने के बावजूद विभाग द्वारा कोई भी जवाब नहीं दिया गया है जिसके कारण मंत्री जी के पास फरियाद लेकर पहुंचने वाले फरियादी के ऊपर गहरा असर पड़ा है और फरियादियों को ऐसे पत्रों पर से भरोसा उठता दिखाई दे रहा है, वही संबंधित पत्र की जानकारी जब अधीक्षण अभियंता कार्यालय बिलासपुर से kP संत s.e pwd से फरियादी ने जानना चाही तो उन्होंने बेहद गैर जिम्मेदाराना जवाब देते हुए कहा कि ऐसे पत्र रोज आते हैं, हम किसका-किसका जवाब दें, इस तरह के जवाब से यह स्पष्ट हो जाता है कि सरल सहज व्यक्तित्व के धनी मंत्री जी के पत्रों को अधिकारियों द्वारा गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है  यहां तक की जवाब तलब भी करना मुनासिब नहीं समझा जा रहा है यही हाल उद्योगों का है जहां उद्योगों की तरफ से भी मंत्री जी के पत्रों का जवाब नहीं दिया जा रहा है, जिसके कारण फरियादियों पर से मंत्री जी के पास फरियाद और उनके पत्रों पर से भरोसा उठता दिखाई दे रहा है, मंत्री जी के सरल स्वभाव के कारण संबंधित अधिकारी व संबंधित उद्योग इनके सरल स्वभाव का लापरवाही पूर्वक अनुचित लाभ उठा रहे हैं, अब जब सरकार के संबंधित मंत्री के पत्रों को संबंधित विभाग के अधिकारी व उद्योग गंभीरता पूर्वक नहीं ले रहे तो भला आम आदमी की शिकायतों का किस प्रकार निराकरण होता होगा सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है, सवाल मंत्री जी के उस टीम पर भी उठना है जो उनके साथ में रहकर उनके इस प्रकार के सभी कार्यों को देखते हैं कहीं ना कहीं उनके द्वारा भी फरियादियों के प्रति लापरवाही बरती जा रही है, जरूरत है इसमें कसावट लाने की नहीं तो फरियादियों की भरोसे की नाव डूबने पर इसका असर आने वाले चुनाव में मंत्री जी को नुकसान पहुंचा सकता है ।

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