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सरकारी जमीन पर बढ़ता अतिक्रमण, मिनीमाता कॉलेज के पीछे की भूमि पर खतरा गहराया जमीन माफिया बेखौफ कर रहे कब्जा

छत्तीसगढ़/कोरबा :- जिले में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब तो शहर के बीचों-बीच स्थित बहुमूल्य जमीनें भी अतिक्रमणकारियों के निशाने पर हैं। ताजा मामला मिनीमाता गर्ल्स कॉलेज के पीछे स्थित कई एकड़ भूमि का है, जहां कुछ जमीन दलालों और सामाजिक संगठनों की मिलीभगत से धीरे-धीरे कब्जा किया जा रहा है।

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प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस क्षेत्र की भूमि एसईसीएल, नगर निगम और नजूल विभाग के अधीन आती है। लेकिन विडंबना यह है कि तीनों ही विभाग अपनी-अपनी जमीन की हिफाजत करने में नाकाम साबित हो रहे हैं। अतिक्रमणकारियों ने पहले तो धीरे-धीरे बाउंड्री बनाकर खाली जमीन को घेरा, फिर कुछ समाजिक संगठनों ने सामुदायिक भवन निर्माण के नाम पर निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया। इनमें से कुछ भवन सरकारी अनुदान से बनाए गए हैं, जो सवालों के घेरे में हैं।

स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि अब इस क्षेत्र में खाली जमीन ढूंढना मुश्किल हो गया है। एसईसीएल द्वारा पूर्व में लगाए गए पौधे अब बड़े-बड़े पेड़ों का रूप ले चुके हैं, लेकिन अब उन पेड़ों को भी काटा जा रहा है ताकि जमीन खाली कर कब्जा किया जा सके।

प्रशासन और संबंधित विभागों की चुप्पी ने अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद कर दिए हैं। नजूल विभाग, नगर निगम और एसईसीएल – तीनों ही इस अतिक्रमण पर नियंत्रण नहीं कर पा रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते प्रशासन ने सख्त कार्रवाई नहीं की तो यह भूमि पूरी तरह निजी हाथों में चली जाएगी और आने वाले समय में इसका सरकारी उपयोग असंभव हो जाएगा।

अब तक की स्थिति:

  • सामाजिक संगठनों द्वारा कब्जे के बाद भवन निर्माण

  • कुछ भवन सरकारी फंड से बने

  • बड़े पैमाने पर पेड़ काटकर भूमि कब्जाई जा रही

  • विभागों की चुप्पी से अतिक्रमणकारियों का मनोबल बढ़ा

मांग उठी कार्रवाई की:
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से इस पर त्वरित कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यह न केवल सरकारी संपत्ति का नुकसान है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए संसाधनों की लूट भी है। यदि प्रशासन ने अब भी आंखें मूंदी रखीं, तो आने वाले वर्षों में कोरबा शहर में बची सरकारी जमीनें भी इतिहास बन जाएंगी।

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