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सच्चा पुत्र वही होता है जो अपने पितरों को नर्क का वासी होने से रोके…

सनातन धर्म को आगे बढ़ाना सनातनी का सर्वप्रथम धर्म होना चाहिए…

छत्तीसगढ़/कोरबा कटघोरा :- पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज के सानिध्य में 16 से 22 सितंबर 2023 तक श्रीमद भागवत कथा का आयोजन – स्टेडियम ग्राउंड, हाईस्कूल परिसर, गोकुल धाम के पास कटघोरा, छत्तीसगढ़ में किया जा रहा है। इस दौरान आज श्रीमद भागवत कथा के चतुर्थ दिवस की शुरुआत विश्व शांति के लिए प्रार्थना के साथ की गई। जिसके बाद पूज्य महाराज जी ने भक्तों को ‘मीठे रस से भरीयो री, राधा रानी लागेया’ भजन का श्रवण कराया। उन्होंने आगे कहा कि सनातन धर्म को आगे बढ़ाना सनातनी का सर्वप्रथम धर्म होना चाहिए।      उन्होंने सूर्य देव को एक लोटा जल चढ़ाने के फायदे बताते हुए कहा कि सूर्य देवता के नाराज होने से शरीर में तमाम रोग लग जाते हैं। सभी मनुष्य को सुबह-सुबह सूर्य देव को एक लोटा जल अवश्य चढ़ाना चाहिए। जिससे मनुष्य का जीवन कल्याण की ओर जायेगा।        आने वाले पितृ पक्ष में पूर्वजों के प्रति संतान को क्या करने की आवश्यकता होती है उन्होंने कथा वाचन के दौरान बताया कि कोई भी पितृगण शरीर छोड़ने के बाद अपने पुत्र से आशा करते हैं कि उनकी संतान उनको पवित्र कर दे। सच्चा पुत्र वही होता है जो अपने पितरो को नर्क का वासी होने से रोके। इसी के लिए हमें शास्त्रों का ज्ञान होना ज़रूरी है। श्राद्ध पक्ष में अगर हम ब्राह्मण को भोजन कराये तो उनको एक दिन पहले निमंत्रण देना चाहिए और ब्राह्मण देव को श्राद्ध भोजन से एक दिन पहले से उपवास करना चाहिए एवं जो ब्राह्मण गायत्री मंत्र का जाप करता हो उसे ही श्राद्ध का भोजन करना चाहिए। भोजन कराने से पहले पत्तल पर काले तिल डाल देने चाहिए। श्राद्ध पक्ष का भोजन करने से ब्राह्मण अशुद्ध हो जाते हैं और जब तक 1100 गायत्री मन्त्र का जाप नहीं करते तब तक अशुद्ध ही रहते हैं। भगवान ने ह्रदय, नेत्र ,मन ,ज्ञान बुद्धि ,श्रवण मनुष्य को सब कुछ दिया है और आज का व्यक्ति कहता है कि मैं भगवान को नहीं मानता।       

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