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समा गया दीपका में कोल डस्ट, जीने के लिए शुद्ध हवा तक नसीब नहीं, प्रबंधन के नाकामियों से उड़ती कोल डस्ट दीपकावासी का घुट रहा है दम

पर्यावरण विभाग भी मूंद लिया है आंख, ऊर्जाधानी संगठन चलाएगी आंदोलन

छत्तीसगढ़/कोरबा :- साउथ ईस्ट कोलफील्ड लिमिटेड एसईसीएल मेगा परियोजना दीपका गेवरा में रोजाना उड़ती कोयला खदानों, सैईलो, साइडिंग और रोड सेल ट्रांसपोर्टिंग से कोयले के डस्ट से आम नागरिकों को प्रतिदिन शुद्ध हवा तक नसीब नहीं हो पा रहा है पर्यावरण विभाग भी कोयले की उड़ती धूल से आम नागरिक को राहत दिलाने के कार्यवाही करने के बजाय आंख में पट्टी लगाकर बैठे हैं प्रबंधन और आउटसोर्सिंग कंपनी के अधिकारियों को मतलब कोयला निकलना खदान का विस्तार करना इसी सभी को महत्व दिया जा रहा है खदान में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं रिहायशी इलाकों में खदानों का विस्तार किया जा रहा है दीपका के नागरिकों में उड़ती कोल डस्ट से काफी आक्रोश है कभी भी कोयला खदान में आंदोलन हो सकता है ।

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गौरवतलब है कि एसईसीएल की मेगा प्रोजेक्ट कहे जाने वाली एशिया की सबसे बड़ी कंपनी दीपका गेवरा के रहने वाले आम नागरिको उड़ती कोयला के डस्ट से राहत दिलाने में प्रबंधन आउटसोर्सिंग कंपनी और पर्यावरण विभाग के अधिकारियों को कोई दिलचस्पी नहीं है कोयले के डस्ट से स्कूली बच्चे बुजुर्ग महिला पुरुष यहां तक की जीव जंतु को भी काफी खास प्रभाव पड़ रहा है कई प्रकार की बीमारियां कोयले के डस्ट से हो रही है प्रबंधन के पास डस्ट को रोकने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं कर रही है जिसके कारण क्षेत्र के लोगों को सांस लेने में काफी परेशानी हो रही है बड़े बुजुर्ग का जीवन बढ़ाने के बजाय उम्र घट रही है क्षेत्र में प्रबंधन और पर्यावरण विभाग से उड़ती कोयले के डस्ट को लेकर नाराजगी आंदोलन में तब्दील हो सकती है ।

ऊर्जाधानी संगठन के प्रदेश मीडिया प्रभारी ललित महिलांगे ने प्रेस बयान में जानकारी साझा किया कि दीपका गेवरा एशिया की सबसे बड़ी कोल माइंस है देश के निर्माण के नाम पर राज्य व देश को सबसे अधिक राजस्व जाता है लेकिन जहां के रहने वाले नागरिक को उड़ती कोयले की डस्ट और प्रदूषण से ग्रसित होकर बीमारियां और उम्र घटती जा रही है इसको रोकने के लिए पर्यावरण विभाग प्रबंधन और आउटसोर्सिंग कंपनियों के अधिकारियों के पास पुख्ता इंतजाम करने के बजाय कोयला खदानों के विस्तार ट्रांसपोर्टिंग साइडिंग से लोडिंग इसी सब पर अधिक महत्व दिया जा रहा है इस विकट समस्या पर संबंधित विभाग के अधिकारी गंभीर नहीं होंगे तो संगठन की ओर से आंदोलन चलाए जाएगी और आम नागरिकों को कोल डस्ट से राहत दिलाने का प्रयास किया जाएगा ।

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