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कोरबा जिले के समग्र शिक्षा में लगभग 100 करोड़ के कार्यों की फाइलों का हुआ ट्रांसफर,  पूर्व डीएमसी भ्रष्टाचार छुपाने ले गए अपने साथ दस्तावेज, पदस्थ अधिकारी परेशान, कांग्रेस शासनकाल में डीएमएफ ,सीएसआर से लगभग 100 करोड़ के हुए हैं कार्य

छत्तीसगढ़/कोरबा :-  आकांक्षी जिला कोरबा में कांग्रेस शासनकाल में अफसरों ने ठेकेदारों के साथ जुगलबंदी कर डीएमएफ एवं सीएसआर के फंड को खूब लूटा। स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी एवं हिन्दी माध्यम के विद्यालयों के भवन निर्माण ,कम्प्यूटर सेट ,फर्नीचर ,बर्तन आदि सामाग्रियों के नाम पर जिला कार्यालय समग्र शिक्षा ने तकरीबन 100 करोड़ रुपए से अधिक खर्च डाले। लेकिन पूर्व डीएमसी डीएमएफ एवं सीएसआर के फाईल ही ले उड़े। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में इसका खुलासा हुआ है । हैरानी की बात तो यह है कि इतने बड़े गम्भीर प्रकरण में सत्ता परिवर्तन के बाद भी जिम्मेदारों का चिन्हांकन कर कार्रवाई नहीं होने से हड़कम्प मचा है।           

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पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल में गुणात्मक शिक्षा की दिशा में अनुकरणीय पहल करते हुए बड़े पैमाने पर प्रदेश में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालयों की स्वीकृति दी गई थी। कोरबा में भी अंग्रेजी माध्यम के 13 एवं हिंदी माध्यम के 52 स्वामी आत्मानंद स्कूल स्वीकृत किए गए हैं। अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में 5 हजार 641 एवं हिन्दी माध्यम के स्कूलों में 18 हजार 103 बच्चे अध्ययनरत हैं। इस तरह देखें तो कुल 65 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालयों में 23 हजार 744 बच्चे अध्ययनरत हैं। पिछले 2 सालों में इन स्कूलों के भवन निर्माण ,फर्नीचर ,कम्प्यूटर सेट ,बर्तन आदि सामाग्री के लिए तकरीबन 60 करोड़ डीएमएफ से खर्च किए गए हैं। यही नहीं समग्र शिक्षा को सीएसआर से भी तकरीबन 40 करोड़ की राशि मिली है। तत्कालीन डीएमसी संजय सिंह के कार्यकाल में स्वीकृत कार्यों एवं भुगतान को लेकर विश्वस्त सूत्रों से शिकायतें मिल रही थी। जिसे देखते हुए कार्यालय समग्र शिक्षा कोरबा में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम के स्कूलों को वित्तीय वर्ष 2023 -24 में प्रदाय की गई फर्नीचरों के लिए गठित की गई क्रय समिति ,बर्तन सामाग्रियों के देयक व्हाउचर ,कम्प्यूटर सेट के कार्यादेश एवं स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के लिए स्वीकृत कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति आदेश की व्यापक लोकहित में सत्यप्रतिलिपि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया था। निर्धारित मियाद में समग्र शिक्षा के जन सूचना अधिकारी ने इसको लेकर कोई जवाब नहीं दिया। प्रथम अपीलीय अधिकारी के आदेश के उपरांत हाल ही में 13 मार्च को जनसूचना अधिकारी ने उक्त आवेदनों के परिप्रेक्ष्य में इसका लिखित जवाब दिया है। जिसने हैरान कर दिया है। कार्यालय कलेक्टर एवं जिला मिशन संचालक समग्र शिक्षा कोरबा के पत्र क्रमांक 327 दिनांक 13 /03/2024 में उल्लेख किया गया है कि पूर्व डीएमसी के द्वारा डीएमएफ एवं सीएसआर से संबंधित फाईल उपलब्ध नहीं कराई गई है । जिसके कारण उक्त जानकारी प्रदाय किया जाना संभव नहीं है। पत्र ने व्यापक पैमाने पर की गई आर्थिक अनियमितताओं की आशंकाओं को बल दे दिया है साथ ही कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं।

तो आखिर क्यों नहीं दर्ज कराई जा रही एफआईआर ?

वर्तमान डीएमसी मनोज कुमार पांडेय से जब इस गंभीर मामले को लेकर हसदेव एक्सप्रेस ने जानना चाहा कि आखिर पूर्व डीएमसी के विरुद्ध एफआईआर क्यों दर्ज नहीं कराई गई तो उनका कहना था कि मामले में उच्च अधिकारियों कार्यालय कलेक्टर जिला एवं खनिज संस्थान न्यास को अवगत करा दिया गया है ,जो भी आवश्यक कार्रवाई होगी वहीं से होगी। डीएमसी के बेबाक बयानों से इतना तो स्पष्ट है कि वे इस भ्रष्टाचार के मामलों से अपना दामन साफ रखना चाहते हैं ,लेकिन कार्यालय प्रमुख होने के नाते क्या केवल सूचना देने मात्र से उनकी जिम्मेदारी खत्म हो जाती है यह सवाल उठते रहेंगे। जिम्मेदार अधिकारी ,शाखा प्रभारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर नियमानुसार कार्रवाई की अनुशंसा होनी चाहिए । जिला प्रशासन को भी इस दिशा में तत्काल उचित कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए। ताकि मुख्यमंत्री की मंशानुरूप डीएमएफ को लेकर प्रशासन शासन की कार्यशैली पर सवाल न उठे।

पूर्व डीएमसी ने नहीं सौंपी फाईल ,उच्च अधिकारी को अवगत करा चुके

डीएमएफ ,सीएसआर की फाईल न कार्यालय में है न पूर्व डीएमसी ने सौंपा है ,हमने उच्च अधिकारियों को इससे अवगत करा दिया है,जो भी कार्रवाई होगी वहीं से होगी।

मनोज कुमार पाण्डेय ,डीएमसी समग्र शिक्षा कोरबा (छग)

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