छत्तीसगढ़/कोरबा :- छत्तीसगढ़ औद्योगिकरण होने के बावजूद छत्तीसगढ़ के कोयला खदानों से प्रभावित हुए परिवारों की जीवन इतनी दयनीय स्थिति हो गई है किसान अपने परिवार की जीविका के लिए कड़ा संघर्ष करने को मजबूर हैं वर्तमान स्थिति में छत्तीसगढ़ के कोयलांचल क्षेत्र के किसान देश व राज्य के विकास में अपना सर्वोच्च परिसंपत्तियों को देश हित में कुर्बान कर दिए लेकिन उनके बदले में छत्तीसगढ़ के कोलांचल क्षेत्र के किसान अपनी विकास रोजमर्रा की जीवन को बेहतर बनाने के लिए सड़कों व न्यायालयों में कड़ा संघर्ष कर रहे हैं समझ से परे हैं सरकार प्रशासन और कोयला क्षेत्र के अधिकारी इन किसानों के बेहतर जीवन के लिए उदास बिन बनकर बैठे हैं मजबूरनवंश अपने परिवार और आने वाले पीढ़ी के लिए संघर्ष करने को मजबूर हैं कई सरकार व कोयलांचल अधिकारी आए और बदले गए किसान परिवारों के उज्जवल भविष्य के लिए किसी को कोई चिंता नहीं मजबूर किया जा रहा है अपने हक अधिकार को पाने के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है 1 अप्रैल 2025 को सीएमडी कार्यालय बिलासपुर में आक्रामक प्रदर्शन करके 12 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा गया था इसमें कहा गया था कि 15 दिनों के भीतर किसानों की समस्या का सकारात्मक पहल कर समाधान किया जाए लेकिन सीएमडी स्तर की अब तक समाधान नहीं हो पाया और ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के अगुवाई में 16 अप्रैल 2025 को छत्तीसगढ़ के कोयला खदानों को बंद करने की तैयारी की रूपरेखा किसान अंतिम रूप दे रहे हैं ।