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जीवन भर जुड़कर पार्टी की रीति नीति पर चला, अब उम्र के इस पड़ाव में आकर एक बार विधायक बनकर क्षेत्र का विकास और जनता की सेवा करने की तमन्ना : केदारनाथ अग्रवाल

छत्तीसगढ़/कोरबा :- कहते हैं इंसान का अगर ठाट-बाट अच्छा हो तो एक अच्छे इंसान के अंदर एक समय सेवा भाव की इच्छा जागृति होती है खासकर तब जब वह 50 की उम्र की दहलीज नाक चुका हो,

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जी हां हम बात करने जा रहे हैं कोरबा जिले के एक ऐसे हंसमुख शख्सियत की जो अपने बच्चों के साथ बिजनेस में हाथ बंटाते हुए पत्रकारिता मे भारी रुचि रखते हैं इन्होंने एक दशक पहले एक न्यूज़ चैनल में ब्यूरो रिपोर्टर के पद पर कार्य करते हुए समसामयिक घटनाओं पर नजर व जनता सेवा में दिलचस्पी दिखाते हुए भ्रष्टाचार पर प्रहार करते रहे, आज वह एक सोशल मीडिया के माध्यम से जुड़कर प्रमुखता से क्षेत्र की तमाम समस्याओं को पटल पर रखते हुए आइना दिखा रहे हैं, इसके साथ-साथ इनका राजनीति से भी भारी लगाव और दिलचस्पी रही यही कारण है कि वह एक बार विधायक बनकर क्षेत्र के विकास में अपनी सहभागिता निभाते हुए क्षेत्र का विकास व जनता की सेवा करना चाह रहे हैं ।

दो बार कटघोरा विधानसभा से चुनाव लड़े

हम बात कर रहे हैं कोरबा जिले के वरिष्ठ नेता केदारनाथ अग्रवाल की जिन्होंने अविभाजित मध्य प्रदेश शासन काल में 1990 के चुनाव में कटघोरा विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़कर अपना लोहा मनवाया, त्रिकोणी मुकाबले में इन्होंने 17126 वोट पाए और अपने निकटतम प्रतिद्वंदी जनता दल यूनाइटेड भाजपा गठबंधन के प्रत्याशी मुुरितराम साहू से लगभग 3000 वोटो से पीछे रहे, वही इस चुनाव में पहले स्थान पर कांग्रेस से कृष्णा लाल जायसवाल ने जीत हासिल की, इसी तरह 1997 के विधानसभा चुनाव में इन्होंने फिर कटघोरा विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ा जिसमें इन्होंने 14992 मत प्राप्त किया दूसरे स्थान पर कांग्रेस से जयसिंह अग्रवाल और पहले स्थान पर भाजपा के बनवारी लाल अग्रवाल ने जीत हासिल की, 25 में 1998 को कोरबा जिले का दर्जा दिया गया हालांकि मध्य प्रदेश से अलग होकर 1 नवंबर 2000 में छत्तीसगढ़ का गठन हुआ और 2008 में कोरबा विधानसभा बनी ।

हंसमुख व्यक्तित्व के धनी

वरिष्ठ नेता केदारनाथ अग्रवाल एक हंसमुख मिजाज के धनी व्यक्ति हैं 60 की उम्र पार करने के बाद भी उनके अंदर एक युवा जैसी स्फूर्ति दिखती है बुजुर्ग से लेकर युवा व बच्चों से हंसते हुए घुलमिल कर टेंशन मुक्त रहना इनके दिनचर्या में शामिल है, केदारनाथ अग्रवाल कोरबा जिले के कटघोरा क्षेत्र के ग्राम रेलडबड़ी हरदीबाजार के मूल निवासी हैं इनका जन्म भी इसी गांव में हुआ है और प्रारंभिक शिक्षा भी इसी गांव से प्राप्त की है यही कारण है कि कटघोरा क्षेत्र में इनकी अच्छी पकड़ है और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में कटघोरा विधानसभा का चुनाव दो बार लड़कर पूर्व में इन्होंने अपना लोहा मनवा चुके हैं, लेकिन अब इन्हें बच्चों के बिजनेस के कारण ज्यादातर शहर में रहना पड़ रहा है, वह वर्तमान में विगत कई वर्षों से भाजपा पार्टी से जुड़कर पार्टी की रीति नीति पर चलते हुए पार्टी के कार्यों को बढ़ा रहे हैं लेकिन उनकी दिली तमन्ना है कि उम्र के इस पड़ाव में अगर एक बार पार्टी विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका देती है तो विधायक बनकर क्षेत्र का विकास और मानव सेवा करने का धर्म निभाता, यही कारण है कि उन्होंने 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में कटघोरा विधानसभा क्षेत्र से दावेदारी करते हुए भाजपा पार्टी से टिकट की मांग की है, उन्होंने चर्चा के दौरान बड़े मायूस होकर कहा कि अगर अब नहीं तो कब,

पार्टी के मंथन में कटघोरा से सबसे आगे नाम चल रहा

फिलहाल पार्टी कटघोरा सहित तमाम विधानसभाओं के दावेदारों का मंथन करते हुए मजबूत, चतुर वक्ता और लोगों में पापुलर, क्षेत्र में अच्छी पकड़ रखने वाला, सरल स्वभाव और मिलनसार व्यक्तित्व, पार्टी और संगठन की रीति नीति को मानने वाला, संगठन में निर्विवादित चेहरा आदि पर मंथन करते हुए पार्टी के पदाधिकारियों व पार्टी के गुप्त सूत्रों से फीडबैक ले रही है,

अभी तक पार्टी सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक कटघोरा विधानसभा क्षेत्र से दावेदारी करने वालों में से तीन लोगों में पार्टी के उच्च पदाधिकारियों ने भरोसा जताया है जिसे लेकर मंथन चल रहा है जिसमें से कटघोरा विधानसभा क्षेत्र से दावेदारी करने वाले केदारनाथ अग्रवाल पार्टी के उच्च व स्थानीय पदाधिकारियों व हाई कमान की नजरों में सबसे सशक्त और प्रबल दावेदारों में से एक हैं जिन पर पार्टी भरोसा जाता सकती है और कटघोरा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी के रूप में केदारनाथ अग्रवाल को चुनाव मैदान में उतार सकती है ।

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