छत्तीसगढ़/कोरबा:- प्राध्यापक उच्च शिक्षा विभाग भर्ती में अन्य प्रांत के एवम् अयोग्य आवेदकों को लाभ पहुंचाए जाने संबंधी मामले को लेकर जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी कोरबा के जिला अध्यक्ष जैनेन्द्र कुर्रे द्वारा माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी को पत्र लिख कर निम्न बिन्दुओ पर ध्यान आकर्षित किया है ।
1. छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापन क्रमांक 7/ 2021/ परीक्षा दिनांक 2/9/ 2021 तथा शुद्धि पत्र क्रमांक 3/2024 परीक्षा दिनांक 7 /8/2024 के अंतर्गत उच्च शिक्षा विभाग के प्राध्यापक पद हेतु विभिन्न विषयों के कुल 595 विज्ञापित किए गए थे ।
2.इस हेतु दिनांक 8 /8 /24 से 6/9/ 24 तक ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए थे ।
3..दिनांक 25 /11 /2024 को पत्र क्रमांक 12/3 /11 चयन 2024 के द्वारा ऑनलाइन आवेदन किए अभ्यर्थियों को दस्तावेज सत्यापन हेतु बुलावा पत्र जारी किया गया था।
4.दिनांक 2/ 12/ 24 से 16/ 12 /24 तक दस्तावेज सत्यापन रखा गया था ।
5.दिनांक 2/ 12 /24 से वाणिज्य एवं अंग्रेजी का दस्तावेज सत्यापन प्रारंभ किया गया था ।
6.दिनांक 2/12/ 24 एवं 3/ 12/ 24 को दस्तावेज सत्यापन में मनमाने तरीके से शोध अंक दिए जा रहे थे ,जिसकी अभ्यर्थियों द्वारा शिकायत करने पर दिनांक 3/ 12 /24 को पत्र क्रमांक 16 /11 /चयन 2024 जारी कर दस्तावेज सत्यापन स्थगन की सूचना प्रसारित किया गया ।
7.प्राप्त जानकारी के अनुसार अन्य प्रांत के अभ्यर्थियों व पहुंच वालों को फायदा पहुंचाने के लिए मनमाने अंक दिए जा रहे थे जिसका विरोध होने पर स्थगन कर दिया गया ।
8.छत्तीसगढ़ प्रदेश गठन के बाद प्राध्यापक पद पर उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा प्रथम बार भर्ती की जा रही है, जिसमें छत्तीसगढ़ प्रदेश के योग्य उम्मीदवारों की अनदेखी करते हुए अन्य प्रांत के उम्मीदवारों को लाभ पहुंचे ऐसी कोशिश की जा रही है ।
9.इस परीक्षा हेतु 10 वर्ष का अनुभव व 10 शोध पत्र व120 शोध अंक होने चाहिए।
10. शोध अंकों की गणना हेतु शोध पत्र ,पुस्तक ,सेमिनार आदि ऑनलाइन आवेदन की तिथि से पूर्व का होना चाहिए ।
11. योग्य अभ्यर्थियों द्वारा यह भी सूचित की गई है कि आज दिनांक तक फर्जी तरीके से शोध पत्र एवं पुस्तक प्रकाशित किया जा रहे हैं जिससे अयोग्य लोग भी योग्य की श्रेणी में आ जाएंगे ऐसे प्रकाशित शोध पत्र एवं पुस्तकों की प्लेगिरिज्म एवं कॉपीराइट की जांच कर अयोग्य उम्मीदवारों को बाहर किया जाए ।
12.प्राध्यापक भर्ती परीक्षा हेतु छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी नियमों के तहत कार्यवाही की जाए एवं शोध अंकों की गणना हेतु विशेषज्ञ समिति को नियुक्त कर पर्याप्त प्रशिक्षण के बाद ही दस्तावेज सत्यापन कराया जाए ।
13. निजी महाविद्यालय एवं निजी विश्वविद्यालयों द्वारा जारी अनुभव प्रमाण पत्र की भी जांच की जाए।
14.छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की विश्वसनीयता पर हमेशा प्रश्न चिन्ह लगते रहे हैं अतः छत्तीसगढ़ में अनेक वर्षों से कार्यरत महाविद्यालय के प्राध्यापक को पदोन्नति करके भी प्राध्यापक पद की पूर्ति की जा सकती है ऐसा करने से छत्तीसगढ़ में सेवा दे रहे प्राध्यापकों के साथ न्याय होगा।
निवेदन है कि इस विषय पर गंभीरता पूर्वक विचार करके दिशा निर्देश जारी करने का कष्ट करें जिससे छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों या छत्तीसगढ़ में सेवा देने वाले योग्य प्राध्यापक को किसी प्रकार का नुकसान ना हो।