छत्तीसगढ़/कोरबा :- श्वेता हॉस्पिटल की लापरवाही से प्रसूता अंजलि की मौत मामले पर 28 जून को चक्का जाम आंदोलन की चेतावनी के बाद प्रशासन हरकत में आया, प्रेस कांफ्रेंस के दौरान न्यू कोरबा हॉस्पिटल पर भी आरोप लगाए गए थे इसके बाद जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा 24 जून को किए गए निरीक्षण के बाद कोरबा के दो प्रमुख निजी अस्पतालों — न्यू कोरबा हॉस्पिटल और श्वेता हॉस्पिटल — को गंभीर अनियमितताओं के चलते नोटिस जारी किए गए हैं। यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ राज्य उपचिकित्सा तथा रोगोपचार सेवा स्थापना (नियमन) अधिनियम 2010 के तहत की गई।
न्यू कोरबा हॉस्पिटल (NKH) में पाई गई खामियाँ:
1. अस्पताल में 104 बेड के नर्सिंग होम हेतु पंजीकरण है, लेकिन ICU समेत 16 बेड बिना मान्यता के संचालित किए जा रहे हैं।
2. नियमानुसार 20 बेड पर 1 चिकित्सक और 1 नर्सिंग स्टाफ की आवश्यकता होती है, परन्तु 104 बेड के लिए पर्याप्त स्टाफ नहीं पाया गया।
3. बिना पूर्व अनुमति के कई आउटडोर मरीजों को भर्ती/उपचार की सेवाएं दी जा रही थीं।
4. छोटी पैथोलॉजी की अनुमति थी, लेकिन सभी प्रकार की जाँच सुविधा अस्पताल में पाई गई, जो नियमों के खिलाफ है।
श्वेता हॉस्पिटल में मिली अनियमितताएं:
1. अस्पताल में 30 बेड की मान्यता के बावजूद आवश्यक चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ की भारी कमी पाई गई।
2. बिना अनुमति के पैथोलॉजी लैब का संचालन किया जा रहा था।
3. जनवरी 2025 से अब तक 368 ऑपरेशन किए गए, जिनमें से 40 ऑपरेशन बीएमओ की अनुमति के बिना किए गए।
4. शासकीय चिकित्सकों द्वारा यहाँ सेवाएं दिए जाने की पुष्टि हुई, जो नियम विरुद्ध है।
5. आरएमएएस चिकित्सक द्वारा मरीजों को संदिग्ध इलाज दिया गया।
6. सीजेरियन ऑपरेशन, ऑक्सीजन प्लांट, जनरल वार्ड जैसी सुविधाओं के रिकॉर्ड एवं रजिस्ट्रेशन में कई गड़बड़ियाँ पाई गईं।
विभागीय कार्रवाई :- दोनों अस्पतालों को नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया गया है। ऐसा न करने की स्थिति में छत्तीसगढ़ राज्य उपचिकित्सा तथा रोगोपचार सेवा स्थापना अधिनियम 2010 के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।