छत्तीसगढ़ कोरबा :- भाजपा शासन काल में कोरोना के समय से जिस प्रकार यात्री ट्रेनों के परिचालक और यात्री ट्रेनों के समय बेसमय रद्द लेटलतीफी होने से जहां रेलवे में सफर करने वाले यात्रियों को कठिनाइयों का सामना उठाना पड़ रहा है वही रेलवे के यात्री ट्रेनों के नियम पूर्वक परिचालन पर देश की जनता अब सवाल खड़ा करने लगी है, कोरोना काल के पहले रेलवे से यात्रा करने वाले यात्री निश्चित होकर अपनी यात्रा करते रहे हैं लेकिन कोरोना के बाद कोरोना का भय दिखाकर जिस प्रकार रेलवे के नियमों में उलट फेर करते हुए रेल यात्रियों के साथ केंद्र सरकार देश में रेल यात्रा को सुगम नहीं बना पा रही है और लगातार मालगाड़ियों को प्राथमिकता दी जा रही है उसको लेकर देश की जनता में भारी आक्रोश है पनप रहा है, रेलवे में सफर करने वाली यात्री घर से निकलते ही असमंजस में रहते हैं कि कहीं उनकी ट्रेन रद्द तो नहीं या फिर लेट तो नहीं समय पर पहुंचा पाएगी या नहीं तरह-तरह के सवाल ट्रेन यात्री के मन मे उपजते रहते हैं ।
हालांकि आज कांग्रेस की ओर से कोरबा सहित पूरे प्रदेश भर में रेल रोको आंदोलन का आगाज किया गया था जिस पर कोरबा में देखने को मिला कि जहां पटरी पर ना तो रेल आई और ना ही कांग्रेसी कार्यकर्ता रेल रोकने का सौभाग्य कमा पाये, और रेल रोको आंदोलन खत्म कर दिया गया हालांकि कार्यकर्ता बार-बार बोलते रहे की ट्रेन आने दो उसको रोकेंगे तभी यह आयोजन सफल होगा लेकिन उच्च पदाधिकारी के आगे उनकी एक नहीं चली और यह आंदोलन रेल की पटरी से हटाकर खत्म कर दिया गया हालांकि रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि ट्रेनों को कुछ दूरी पर ही रोक दिया गया था, आंदोलन स्थल पर कांग्रेसियों द्वारा यह कहते हुए जनता को संबोधित किया गया कि मोदी सरकार द्वारा रेलवे यात्रियों के साथ ना इंसाफी की जा रही है वह कांग्रेस की केंद्र में सरकार रहते हुए इस प्रकार कभी नहीं हुआ है आज केंद्र की मोदी सरकार जिस प्रकार यात्री ट्रेनों को लगातार रद्द कर रही है और रेल यात्रियों को जिस प्रकार असुविधा हो रही है और मालगाड़ियों में लगातार इजाफा कर रही है अब भारतीय रेल की जगह में जिस प्रकार अडानी रेलवे लिखकर रेलवे की माल गाड़ियां देश में चलाई जा रही है उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि मोदी सरकार विभिन्न सरकारी उपक्रमों के साथ-साथ रेलवे को भी निजीकरण करते हुए अडानी और अंबानी के हाथों बेचना चाह रहा है जो देश की जनता के साथ धोखा है जिसका हमारी पार्टी पुरजोर विरोध करती है, इसी तारतम में आज कोरबा सहित पूरे प्रदेश में रेल रोको आंदोलन का प्रदर्शन किया गया है,
हालांकि अब कांग्रेसियों पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि छत्तीसगढ़ में कुछ ही दोनों में विधानसभा के चुनाव होने हैं और ठीक आचार संहिता के लगने के पहले कांग्रेसियों को अचानक प्रदेश की जनता जो ट्रेनों से सफर करती है उनकी चिंता कैसे सताने लगी जबकि ट्रेनों की लेट लतीफी और रद्द होने कोरोना काल खत्म होने के बाद से लगातार निरंतर जारी है बावजूद इसके अब चुनाव नजदीक आते ही इस प्रकार के मुद्दे पर सवालिया निशान खड़ा होता है और लोग इसे चुनावी आंदोलन कहते हुए नजर आ रहे हैं, लेकिन लोगों का मानना है कि कुछ भी हो कांग्रेस ने जो रेल यात्रियों के मामले को लेकर आंदोलन करते हुए मामला उठाया है वह जनता से जुड़ा हुआ है जिसका प्रदेश की जनता समर्थन करती है ।