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कोरबा जिले में सड़क, बिजली, पानी की समस्या से जूझ रहे राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र पहाड़ी कोरवा, करेंगे चुनाव का बहिष्कार, फरियाद लेकर कलेक्टर जन चौपाल में पहुंच रह हजारों लोग, ननकीराम ने सरकार पर कसा तंज कहा सरकार के पास पैसा ही नहीं, घोषणाएं अधूरी

तेंदूपत्ता के हितग्राहियों को उनके हक का नहीं दिया जा रहा पैसा दर-दर ठोकरे खाने को मजबूर

छत्तीसगढ़/कोरबा :- कोरबा जिले में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं लेकिन धरातल में लोगों को बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाई हैं कोरबा जिले के वनांचल क्षेत्र में सड़क बिजली पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं का विकास नहीं होने पर आए दिन हाथियों के हमले से लोगों की जाने जा रही हैं , कोरबा जिला आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के बावजूद भी इस जिले के आदिवासी विकास से कोसों दूर हैं विकास की गंगा केवल कागजों में ही बह रही है जबकि धरातल में नजारा कुछ और दिखता है, कलेक्टर जन चौपाल में पहुंची तीन गांव की महिलाओं ने सड़क बिजली पानी की समस्या को बताते हुए कहा कि इस बार के चुनाव में अगर उन्हें यह मूलभूत सुविधाएं नहीं मिली तो वह चुनाव बहिष्कार करेगी,  मंगलवार को कलेक्टर जन चौपाल में वनांचल क्षेत्र से राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पहाड़ी कोरवा बिरहोर जनजाति की सैकड़ो महिलाएं सड़क बिजली पानी की समस्या लेकर पहुंची हुई थी इसके साथ-साथ तेंदूपत्ता के हित ग्राही को पैसा नहीं मिलने की शिकायत सहित अनेक शिकायते लेकर लोग हजारों की तादात में कलेक्ट्रेट पहुंचे हुए थे मंजर देखकर और लोगों की समस्याएं सुनकर ऐसा लग रहा था कि धरातल में कोई कार्य हो ही नहीं रहा है, मंगलवार को कलेक्टर जन चौपाल में 194 आवेदन आए ।

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विधायक ननकीराम कंंवर ने सरकार पर कसा तंज कहां सरकार के पास पैसे ही नहीं जो घोषणाएं की गई वह भी पूरी नहीं

रामपुर विधायक ननकी राम कंवर ने तंज करते हुए कहा कि वोट नहीं देंगे तो वह कांग्रेस के अगेन में बोल रहे हैं सरकार के पास पैसा ही नहीं है तो कहां से क्षेत्र का विकास होगा जो घोषणाएं की गई हैं उसे भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं मुख्यमंत्री ने श्यांग सड़क मार्ग बनाने की घोषणा की थी उसे भी पूरा किया नहीं जा सका है भ्रष्टाचार चरम पर है कोरबा नगर पालिक निगम के कार्यों को लेकर उन्होंने कहा कि  जिस जगह के लिए कार्य स्वीकृत किए गए हैं उसे दूसरे जगह कराए जा रहे हैं इसमें भी पक्षपात किया जा रहा है ।

गांव में पहुंच मार्ग और पीने का शुद्ध पानी नहीं, चुनाव बहिष्कार की चेतावनी, ग्रामीणों में हो रहा आपसी विवाद, गंदे पानी से हो रहे बीमार

  गांव में पहुंच मार्ग का अभाव है। रोड नहीं होने के कारण ग्रामीणों के बीच आपसी विवाद की स्थिति निर्मित होती है। वह आपस में लड़ने मरने को तैयार रहते हैं। आपातकालीन स्थिति में गांव में एंबुलेंस तक नहीं पहुंच पाती। पेयजल के नाम पर गंदा पानी पीना पड़ रहा है। जिसके कारण बीमारी का खतरा बना हुआ है। अब विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने अपनी मांगों को लेकर प्रशासन से गुहार लगाई है मांग पूरी नहीं होने पर उन्होंने चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया है,मंगलवार को ग्राम पीपरकोना के ग्रामीण बड़ी संख्या में कलेक्टर जन चौपाल में पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि गांव वासी यहाँ 90-100 वर्षों से निवास कर रहे हैं। रोड न होने के कारण वे सभी खेतों से होकर आना जाना करते आ रहे हैं। अभी सभी किसान फसल लगाने लगे है जिसके कारण से उनके बीच कई बार आपसी लड़ाई झगड़े व मार-पीट करने की नौबत भी आ गई है। ऐसे में उनके जान का भी खतरा महै। अभी तक चिवढोढ़ा से पीपरकोना गांव तक पहुँच मार्ग पुलिया नहीं होने के कारण अधूरा पड़ा है। जिससे उन्हें आने जाने अत्याधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। आपतकालीन परिस्थिति में बीमार व्यक्तियों व गर्भवती महिलाओं को मेन रोड तक पहुँचाने तक व्यक्ति की मौत तक जाती है। पंचायत व जिला को बार बार अनुरोध करने के बावजूद अभी तक रोड नहीं बना है। पीपरकोना में पीने के पानी के लिए सभी लोग परेशान हैं और यहाँ वहां का पानी का उपयोग करने से समय समय पर अनेक बीमारी के शिकार हो जाते हैं। कई बार पंचायत में आवेदन देने के बावजूद भी कोई सुनवाई नहीं हुई हैं। उन्होंने मांग की है कि जल्द से जल्द पहुँच मार्ग में पुलिया बना कर रोड को मेन रोड तक जोड़ने और गांव में सुविधा दिलाने की मांग की है। पीने का पानी न मिलने व पहुँच मार्ग नही बनने पर वे चुनाव बहिष्कार करेंगे।   

गांव में नहीं है बिजली, हाथियों से जानमाल का खतरा, वनांचल से जिला मुख्यालय पहुंचे दर्जनों पहाड़ी कोरवा, कहा करेंगे चुनाव बहिष्कार

कोरबा जिला औद्योगिक नगरी है। इसे ऊर्जा नगरी के नाम से जाना जाता है। कोरबा के बिजली से देश प्रदेश रोशन हो रहे हैं। मगर यह विडंबना है कि आज भी वनांचल गांव में रोशनी नहीं पहुंची है। हाथी प्रभावित क्षेत्रों में बिजली नहीं होने से जान माल का खतरा बना हुआ है। जिससे पीड़ित पहाड़ी कोरवा दर्जनों की संख्या में कलेक्टर से गुहार लगाने पहुंचे थे। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर गांव तक विकास नहीं पहुंची तो भी आगामी चुनाव का बहिष्कार करेंगे। विकासखंड कोरबा अंतर्गत ग्राम पंचायत केराकछार के बगधरी- डांड़, सरडीह, खोरी भौना ढाबाडांड़, लालमाटी मोहल्ला में बिजली नहीं पहुंची है। इन गांवों में पहाड़ी कोरवा और अन्य ग्रामीण निवास करते हैं। जिन लोगों को अंधेरे में रहना पड़ता है। जंगली जानवर, हाथी गांव पारा टोला में पहुंच जाता है। अंधेरा होने के कारण मोहल्ले में घुस जाता है। तोड़- फोड़ करता है। जिससे जान-माल का खतरा बना रहता है। ग्रामीणों ने कलेक्टर से गुहार लगाते हुए कहा है कि गांव में अंधेरा रहने के कारण रात के समय खासकर हाथी नजर नहीं आते। गांव के आसपास घने जंगल है जहां हमेशा हाथियों की सक्रियता बनी रहती है। उन्होंने प्रभावित गांव पारा टोला और मोहल्ला में विद्युतीकरण की मांग की है। मांग पूरी नहीं होने पर उन्होंने चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी है। शिकायत लेकर पहुंची एक महिला ने यहां तक कहा कि जो जनप्रतिनिधि वोट मांगने आएगा उसे भी हम बताएंगे। महिला ने बताया कि वे जिला प्रशासन के पहले जनपद पंचायत कोरबा में भी शिकायत कर चुके हैं। सरपंच सचिव को भी समस्या बता चुके हैं। इसके बाद भी उनकी समस्याओं का निराकरण नहीं किया जा रहा है।

नहीं है स्कूल और आंगनबाड़ी

शिकायत लेकर पहुंचे ग्रामीण ने बताया कि गांव में जहां बिजली नहीं है, वहीं स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र तक नहीं है। गांव के बच्चे पढ़ने तो चाहते हैं मगर स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र नहीं होने के कारण में पढ़ नहीं पाते। एक महिला ने बताया कि अन्य शासकीय योजनाओं का लाभ भी उन्हें नहीं मिल रहा है। विधवा पेंशन और प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भी नहीं मिला है।       

आजादी के साढ़े सात दशक बाद गांव में नहीं पहुंच मार्ग, सड़क और पुल पुलिया के अभाव में पार करनी पड़ रही उफनती नदी

औद्योगिक नगरी कोरबा जहां नित्य नए विकास के आयाम गढ़ रहा है। वही विशेष पिछड़ी जनजाति के रहवास क्षेत्र में विकास की रोशनी तक नहीं पहुंच पाई है। आजादी के 75 बरस बाद भी गांव में पहुंच मार्ग और पुलिया तक शासन प्रशासन नहीं बन पाई है। ऐसे में बच्चों को उफनती नदी को पार कर स्कूल जाना पड़ रहा है, तो दूसरी ओर किसी की तबीयत बिगड़ जाए तो मरीज को खाट पर लिटाकर अस्पताल पहुंचाना पड़ रहा है। रामपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत करतला से बांसाखर्रा तक पहुंच मार्ग सड़क एवं पुल निर्माण नहीं हुआ है। क्षेत्र के ग्रामीण कलेक्टर जन चौपाल में इसकी शिकायत लेकर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि
ग्राम पंचायत गेरांव के बांसाखर्रा में विशेष पिछडी जनजाति के लोग निवासरत है। जिन्हें आवागमन की समस्या हो रही है। सड़क व पुल नहीं होने कारण अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। गांव से छोटे-छोटे बच्चों को पूर्व०मा० शाला करतला जाने की समस्या हो रही है। गांव के छोटे-छोटे बच्चों को नदी तैरकर पार करना पड़ता है। नदी में पानी भरा हुआ रहता है। ऐसे में बच्चों ऐसे में बच्चों के साथ अप्रिय घटना घटने की प्रबल संभावना है। बच्चों को स्कूल भेजने खतरा मोल लेना पड़ रहा है। गांव में पहुंच मार्ग व पुलिया नहीं होने के कारण एम्बुलेंस और अन्य वाहन नहीं पहुंचते हैं। किसी ग्रामीण की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें खाट पर लिटाकर करतला अस्पताल लाना पड़ता है, जिसे लेकर उन्होंने कलेक्टर से मांग करते हुए कहा है कि उनके गांव में पहुंच मार्ग और पुल का निर्माण कराया जाए, ताकि उनकी परेशानियां दूर हो सके।             

आर्थिक जनगणना सूची से नहीं नाम गायब,पीएम आवास से वंचित हो रहे ग्रामीण, की शिकायत

आर्थिक जनगणना सूची से ग्रामीणों का नाम गायब है। सूची में नाम नहीं होने के कारण ग्रामीणों को प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित होना पड़ रहा है। अधिकारियों की लापरवाही के कारण ग्रामीणों के खुद के आशियाने का सपना चकनाचूर होने की कगार पर है। जिसे लेकर उन्होंने अपना दुखड़ा कलेक्टर को सुनाया है। जन चौपाल में पहुंचे लोग ग्राम पंचायत बुढ़ियापाली (बंगलाभांठा) वार्ड क्रं 06 के निवासी हैं। ग्राम पंचायत के ग्रामीणों की समस्या तब बढ़ गई जब आर्थिक जनगणना में उनका नाम ही नहीं है। प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आर्थिक जनगणना सूची में हितग्राही का नाम होना आवश्यक है। ऐसे में अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा गरीब लोगों को भुगतना पड़ रहा है। शिकायत लेकर पहुंचे ग्रामीण ने बताया कि मोहल्ले के लोगों का नाम सूची में शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि वे अत्यंत गरीब परिवार से वास्ता रखते हैं। उन्होंने कलेक्टर से मांग करते हुए कहा है कि आर्थिक जनगणना सूची में उनका नाम शामिल करते हुए उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाया जाए।       

मुरली से रामपुर तक बनाये जा रहे पीएम सड़क एवं नाली निर्माण का कार्य गुणवत्ताहीन

ग्राम पंचायत मुरली में मुरली से रामपुर तक बनाये जा रहे प्रधानमंत्री सड़क एवं नाली निर्माण का कार्य गुणवत्ताहीन है। यही स्थिति रही तो ग्रामीणों को सड़क और नाली की सुविधा का लाभ नहीं मिल पाएगा। भाजपा जिला उपाध्यक्ष पिछड़ा वर्ग उत्तम पटेल के नेतृत्व में ग्रामीणों ने मंगलवार को कलेक्टर जन चौपाल पहुंचकर मामले की शिकायत की है। कलेक्टर से किए गए शिकायत में उनका कहना है कि ग्राम पंचायत मुरली में मुरली से रामपुर तक प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत सड़क का निर्माण ठेकेदार / एजेंसी के द्वारा कराया जा रहा है। उक्त सड़क निर्माण कार्य में उपयोग किए जाने वाले निर्माण सामग्री गुणवत्ताहीन है। सड़क में लगाये जाने वाले डामर को नाममात्र के लिए डाला जा रहा है। सड़क पूरी तरह से जर्जर होकर गिट्टी बाहर निकल गया है। साथ ही उक्त सड़क के किनारे किनारे नाली का भी निर्माण कराया जा रहा है। जिसमें भी सीमेंट कम बालू ज्यादा उपयोग किया जा रहा है, जो गुणवत्ताहीन है। निर्माण एजेंसी द्वारा पंचायत से सांठ गांठ कर निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार किया जा रहा है। जिसके भविष्य में जर्जर हो जाने की पूर्ण संभावना है। जिससे निर्माण कार्य का कोई औचित्य ही नहीं रह जाएगा। इस प्रकार निर्माण एजेंसी के द्वारा शासन को क्षति पहुंचाने का कृत्य किया जा रहा है। ग्रामीणों ने मांग की है कि प्रधानमंत्री सड़क एवं नाली निर्माण के कार्य गुणवत्ता की जांच कराते हुए दोषियों पर ठोस कार्यवाही करवाते हुए गुणवत्तापूर्वक कार्य कराये जाने हेतु निर्देशित किया जाए।             

रोजगार के लिए युवक को लगवा रहे कार्यालयों के चक्कर
कलिंगा आश्वासन के बाद भी ठेका कंपनी कलिंगा नहीं दे रही रोजगार

एसईसीएल के विभिन्न परियोजनाओं में स्थानीय बेरोजगार रोजगार से वंचित है। आश्वासन के बाद भी उन्हें कार्यालयों के चक्कर काटना पड़ रहा है। लंबे समय से भटकने के बाद भी रोजगार नहीं मिलने से उनका आक्रोश भड़कने लगा है। मानिकपुर परियोजना में नियोजित ठेका कंपनी कलिंगा भी कुछ इसी तरह से बेरोजगार को परेशान कर रही है। आश्वासन के बाद भी कंपनी युवक को नौकरी के लिए घुमा रहा है। मामले की शिकायत कलेक्टर से की गई है। कलेक्टर से भिलाईखुर्द निवासी यतन कुमार पिता गनपति राम ने शिकायत की है। उसका कहना है कि एसईसीएल मानिकपुर खदान में ठेका कंपनी कलिंगा चालू हो गया है। लगभग 7 से 8 महिना हो गया है, जिसमें रोजगार का अश्वासन दिया जा रहा है, लेकिन अभी तक रोजगार प्रदान नहीं किया गया है । एसईसीएल मानिकपुर के जीएम श्री प्रधान द्वारा भी झूठा अश्वासन दिया जा रहा है और दूसरे राज्य के व्यक्तियों को काम में लगाया जा रहा है। दूसरी ओर स्थानीय युवाओं को रोजगार की अति आवश्यकता है। कलेक्टर से की गई शिकायत में कहा गया है कि उसे अविलंब मानिकपुर खदान में नियोजित ठेका कंपनी में रोजगार उपलब्ध कराई जाए।     

मनमानी कर शासकीय राशि की बंदरबांट, पद से त्यागपत्र देने के बाद रोजगार सहायक एवं सरपंच ग्रामीणों को धमका रहे

अमृत सरोवर नया तालाब निर्माण में पहले जमकर भ्रष्टाचार किया गया। विरोध और शिकायत के बाद सरपंच और रोजगार सहायक ने ग्राम सभा के समक्ष त्यागपत्र दे दिया। इसके बाद भी उनकी मनमानी और दबंगई कम नहीं हुई। अब ग्रामीणों को धमका रहे हैं। आक्रोशित ग्रामीण उनकी हरकत से त्रस्त होकर आन्दोलन का मन बना रहे हैं। इसे लेकर उन्होंने कलेक्टर जन चौपाल में इसकी शिकायत की है।
ग्रामीणों ने कलेक्टर से किए गए शिकायत में कहा गया है कि पूर्व में ग्राम पंचायतवासी बक्साही द्वारा गत 22 जनवरी को जनदर्शन के माध्यम से मनरेगा के अंतर्गत अमृत सरोवर नया तालाब निर्माण व सम्पूर्ण कार्य की जांच के संबंध में शिकायत दर्ज करायी गयी थी। उक्त तालाब निर्माण में रोजगार सहायक, सचिव, सरपंच द्वारा मिल बांटकर राशि का आहरण कर आपस में बंदरबाट किया गया। जिसका ग्रामवासियों द्वारा विरोध करने पर सचिव ग्राम पंचायत बकसाही द्वारा 22 जून को ग्राम सभा का आयोजन किया गया। जिसमें रोजगार सहायक एवं सरपंच द्वारा अपनी गलती स्वीकार करते हुए अपने पद से लिखित में ग्रामसभा के समक्ष अपना अपना त्यागपत्र दिया गया। उक्त शिकायत पर प्रशासनिक स्तर से आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। जिसके चलते रोजगार सहायक एवं सरपंच द्वारा पुनः मनमानी करते हुए 17 सितंबर को हुई ग्रामसभा में ग्रामवासियों को धमकी दी जा रही है कि हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। हमारा पहुंच ऊपर तक फैला हुआ है। जिस पर ग्रामवासी आक्रोशित है। कार्यवाही नहीं होने पर ग्रामीणों द्वारा धरना प्रदर्शन किया जाएगा। जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी प्रशासन की होगी।       

पसान परियोजना में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भर्ती में अनियमितता, स्थानीय की जगह गैर स्थानीय को नियुक्त करने की शिकायत, आवेदकों ने सूची निरस्त करने की मांग, नहीं तो तालाबंदी

महिला एवं बाल विकास विभाग में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के पद पर हो रही भर्ती में नियम कायदों की अनदेखी कर अपात्रों की नियुक्ति का मामला सामने में आया है । पसान परियोजना के ग्राम पंचायत अमलीकुंडा के ग्राम घनरास के खुर्रूपारा में मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर स्थानीय की जगह गैर स्थानीय आवेदक का नियुक्ति करने का गम्भीर आरोप परियोजना अधिकारी पर लगा है। चयन के लिए पात्र आवेदकों ने माह में दूसरी बार कलेक्टोरेट पहुंचकर गैर स्थानीय आवेदक की नियुक्ति निरस्त करने की मांग की है। जनपद सदस्य के साथ पहुँचे आवेदकों के समर्थन में पहुंचे दर्जनों ग्रामीणों ने शीघ्र उचित कार्रवाई नहीं होने पर आंगनबाड़ी केंद्रों में तालाबंदी की चेतावनी दी है। क्षेत्र क्रमांक 11 पुटीपखना की जनपद सदस्य श्रीमती गीता मार्को के नेतृत्व में सोमवार को कलेक्टोरेट पहुंचे आवेदक सुमित्रा एवं कौशिल्या ने शिकायत पत्र में उल्लेख किया है कि ग्राम धनरास के आश्रित मोहल्ला खुर्रूपारा में मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का पद रिक्त था। जिसके लिए स्थानीय एवं गैर स्थानीय आवेदकों से आवेदन आमंत्रित किए गए थे। आवेदकों ने शिकायत पत्र में उल्लेख किया है कि मूल ग्राम धनरास के खुर्रूपारा से आवेदन प्राप्त होने के बाद भी महिला एवं बाल विकास विभाग पसान की परियोजना अधिकारी ने सांठगांठ कर फर्जी तरीके से गैर स्थानीय अमलीकुण्डा निवासी आवेदिका श्रीमती गीता श्याम की नियुक्ति कर दी है। ग्राम धनरास के मोहल्ला खुर्रूपारा को राजस्व ग्राम होने के बाद भी स्थानीय आवेदकों को प्राथमिकता नहीं दी गई है जो कि नियम विरुद्ध है। आवेदकों ने नियम विरुद्ध नियुक्ति आदेश निरस्त कर स्थानीय आवेदकों की नियुक्ति करने की मांग की है। ग्रामीणों ने शीघ्र उचित कार्रवाई नहीं होने पर आंगनबाड़ी केंद्रों में तालाबंदी की चेतावनी दी है।मामले में पूरे महकमे में हडक़म्प मचा है। हालांकि अधिकारियों की माने तो पंचायत से स्थानीय निवासी का प्रमाण पत्र आवेदक द्वारा संलग्न किया गया था। जिसे निरस्त करने का अधिकार उनका नहीं है ,अगर आवेदकों को लगता है कि निवास प्रमाण पत्र अमान्य हैं तो कलेक्टर न्यायालय में इसे चुनौती दे सकते हैं।
क्या कहता है नियम
जानकारी अनुसार स्कूल कॉलेज के छात्र छात्राओं की शिक्षा की राह में निवास प्रमाण पत्र आड़े न आए इस हेतु जरूर शासन द्वारा दी गई रियायत अनुसार पंचायतों को निवास प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार है, लेकिन रोजगार संबंधी मामलों में यह अधिकार पंचायत को नहीं है । इसके लिए तहसील कार्यालय से जारी निवास ही मान्य है।     

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