छत्तीसगढ़/कोरबा :-जिले के रिसदी स्थित श्वेता हॉस्पिटल में इलाज के दौरान प्रसूता अंजली सिंह की मौत के मामले पर उसके पति व परिजनों द्वारा प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई जिसमें पीड़ित परिवार और स्थानीय संगठनों ने प्रशासन पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए 28 जून को चक्काजाम की चेतावनी दी है। बता दे गोढ़ी निवासी अंजली सिंह पिछले कई महीनों से श्वेता हॉस्पिटल में इलाजरत थीं। 1 जून को प्रसव के लिए भर्ती होने के बाद उन्होंने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया, लेकिन कुछ ही समय में उनकी तबीयत बिगड़ गई। उन्हें दूसरे निजी अस्पताल रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
इस दुखद घटना से आहत अंजली के पति और परिजनों ने हॉस्पिटल प्रशासन और डॉक्टरों पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सरकारी डॉक्टर डॉ. मनियारो कुजुर अपने प्राइवेट हॉस्पिटल में निजी मुनाफा कमाने के लिए सरकारी सेवाओं का दुरुपयोग कर रही हैं। परिजन आरोप लगाते हैं कि सरकारी अस्पताल में आए प्रसव मामलों को ‘क्रिटिकल केस’ बताकर निजी अस्पताल में रेफर किया जाता है और वहां मोटी फीस वसूली जाती है।
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मृतिका के पति ने बताया कि प्रशासन से नहीं मिली कोई कार्यवाही की सूचना 10 जून को अनुविभागीय अधिकारी (रा.) के माध्यम से कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए 6 सूत्रीय मांगें रखीं थीं। कलेक्टर द्वारा जांच दल से 7 दिन में रिपोर्ट मांगी गई थी, लेकिन 15 दिन बीत जाने के बाद भी न जांच रिपोर्ट सामने आई और न ही कोई प्रशासनिक कार्यवाही हुई।
इससे नाराज पीड़ित पति और लाचार पिता ने कहा,
“मेरे बच्चे बार-बार पूछते हैं, मम्मी कब आएगी… मैं क्या जवाब दूं? मेरी दुनिया उजड़ गई है, जब तक इंसाफ नहीं मिलेगा, मैं रुकूंगा नहीं।”
उन्होंने चेतावनी दी कि 28 जून को सभी ग्रामवासी, सरपंच संघ और क्षेत्रीय संगठन मिलकर मुख्य मार्ग पर चक्काजाम करेंगे और डॉक्टरों का पुतला दहन करेंगे। इसके बाद भी कार्रवाई न होने पर अनिश्चितकालीन आंदोलन और आमरण अनशन की शुरुआत की जाएगी।
NKH (New Korba Hospital) पर भी गंभीर आरोप
परिजनों ने यह भी आरोप लगाए हैं कि जब अंजली की हालत बिगड़ी, तब उसे न्यू कोरबा हॉस्पिटल (NKH) ले जाया गया, जहां ICU में भर्ती कराने के बावजूद उसकी जान नहीं बच सकी। लेकिन अस्पताल ने इलाज के नाम पर लाखों रुपए वसूल लिए।उनका कहना है कि
“यह हॉस्पिटल सिर्फ नाम के लिए इलाज करता है, यहां तो सर्दी-जुकाम में भी हजारों-लाखों रुपए वसूले जाते हैं।”
मांगें और चेतावनी
1- श्वेता हॉस्पिटल को तत्काल बंद किया जाए
2- डॉ. मनियारो कुजुर को निलंबित किया जाए
3- मृतका के परिवार को मुआवजा दिया जाए
4- सभी प्राइवेट हॉस्पिटल में रेट लिस्ट सार्वजनिक की जाए
5- NKH पर भी जांच और कार्रवाई हो
बता दें कि यह मामला छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य व्यवस्था और निजी अस्पतालों की लापरवाही पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। अब सवाल उठता है कि क्या पीड़ित परिवार को इंसाफ मिलेगा? क्या दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी?
28 जून को होने वाला चक्काजाम अब पूरे जिले की नजरों में है।